तेरे दिए हुए दर्द में प्रभु का दर्शन पाया
तेरे दिए आंसुओं से मैला आँचल
धोया आंसुओं का ये सैलाब देने वाले
मेरी दुआ लेता जा ।
किसी दिन तुम्हें किस्मत की बदगुमानी समझा
अंधेरों के बाद ही प्रकाश की बारी ,को भुलाया
किस्मत क्या है ,मुझे समझाने वाले
मेरी सदा लेता जा ।
ये उजाला अपरम्पार का मुझे कहाँ मिलता
जो अंधेरों से घबराकर दिया न ढूँढा होता
अंधेरों से मेरा दामन ढकने वाले
मेरा सलाम लेता जा ।
प्यास अनबुझी लेकर इसबार भी मर गए होते
अगर आपनें कुएं में यों न धकेल दिया होता
मेरी प्यास को जगाने वाले
तू भी चरणामृत लेता जा ।
उस परम शक्ति से बढ़ कर न कोई अपना है।
जीवनके सत्य को इस बार भी समझा न होता
पराया मान कर ठुकरा देने वाले
मेरा शुक्रिया लेता जा ।
Monday, July 13, 2009
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