वक्त की चालों से दुखी कौन
जो वक्त की ताकत को समझता नहीं
इधर से उधर बेचैन कौन
जो वक्त की ताकत को समझता नहीं
इधर से उधर बेचैन कौन
जो अपने अंतस को ही समझता नहीं ।
ज़िन्दगी भरपूर जीने का नाम
जो मिला है वह तेरा है
जो नहीं मिला वह तेरा था ही नहीं
खोने पाने से क्यूँ ऊपर तू उठता नहीं ।
इस षण भंगुर जगत का पाना खोना
उतना ही जितना उसे तू देख ले
आँखें बंद कर अंधकार से
खोल प्रकाश में सब कुछ चमकता यहीं ।
आँखें बंद कर अंधकार से
खोल प्रकाश में सब कुछ चमकता यहीं ।
आँखें खोल ,उनको देख
जिन्होंने कभी कुछ पाया ही नहीं
जिन्होंने कभी कुछ पाया ही नहीं
और तो और पेट भरकभी खाया ही नहीं
उन से नज़र मिला ,देख प्रभु कैंसे दीखता नहीं ।
बाहें फैला ,ये जग बुला रहा है
कान तो खोल ,आवाज़ तो सुन
No comments:
Post a Comment