अजीब बात है
चोट है चोट का दर्द भी है
पर होता वह एहसास नहीं ।
वक्त वक्त की बात है
शीत लहर है हवा सर्द भीहै
मगर पहले सा आभास नहीं ।
रिश्ते नाते हैं
प्यार वही हैनफरत की गर्द वही है
अब भावनायों का उठता तूफ़ान नहीं ।
वही दिन वही रात है
साँस चल रही धड़कन भी है
पर जीना का वह उल्लास नहीं ॥
Friday, August 28, 2009
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रिश्ते नाते हैं
ReplyDeleteप्यार वही हैनफरत की गर्द वही है
अब भावनायों का उठता तूफ़ान नहीं ।
बहुत सुन्दर भाव मय अभिव्यक्ति
वही दिन वही रात है
ReplyDeleteसाँस चल रही धड़कन भी है
पर जीना का वह उल्लास नहीं
AISA AKSAR HOTA HAI ..... PAR JO PRABHU KI SHARAN MEIN RAHTA HAI VO USKO PAR KER LETA HAI .... SUNDAR RACHNA HAI
उम्र का तकाजा ...उल्लास नहीं है ...
ReplyDeleteबेहतर ...मगर मन के उजास को तन पर हावी होने दे और उम्र के तकाजे को धता बताएं तो क्या बात है ..है ना ..!!
उम्र का तकाज़ा...पर आपकी रचनाओं से तो नहीं लगता कि--" वह उल्लास नहीं...."
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