Friday, August 28, 2009

उम्र का तकाज़ा

अजीब बात है
चोट है चोट का दर्द भी है
पर होता वह एहसास नहीं ।
वक्त वक्त की बात है
शीत लहर है हवा सर्द भीहै
मगर पहले सा आभास नहीं ।
रिश्ते नाते हैं
प्यार वही हैनफरत की गर्द वही है
अब भावनायों का उठता तूफ़ान नहीं ।
वही दिन वही रात है
साँस चल रही धड़कन भी है
पर जीना का वह उल्लास नहीं ॥

4 comments:

  1. रिश्ते नाते हैं
    प्यार वही हैनफरत की गर्द वही है
    अब भावनायों का उठता तूफ़ान नहीं ।
    बहुत सुन्दर भाव मय अभिव्यक्ति

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  2. वही दिन वही रात है
    साँस चल रही धड़कन भी है
    पर जीना का वह उल्लास नहीं

    AISA AKSAR HOTA HAI ..... PAR JO PRABHU KI SHARAN MEIN RAHTA HAI VO USKO PAR KER LETA HAI .... SUNDAR RACHNA HAI

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  3. उम्र का तकाजा ...उल्लास नहीं है ...
    बेहतर ...मगर मन के उजास को तन पर हावी होने दे और उम्र के तकाजे को धता बताएं तो क्या बात है ..है ना ..!!

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  4. उम्र का तकाज़ा...पर आपकी रचनाओं से तो नहीं लगता कि--" वह उल्लास नहीं...."

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